नवाब विहार कॉलोनी में करीब एक माह पहले मकान की नींव को खोदाई के दौरान निकली चांदी की मूर्ति रविवार को पुलिस ने अपने कब्जे में ले ली। शेर पर सवार माँ दुर्गा की मूर्ति का वज़न दस किलो से अधिक बताया जा रहा है। जेसीबी संचालक मूर्ति को बेचने की फ़िराक में था और उसने मूर्ति को एक माह तक छिपाकर रखा। मूर्ति के बटवारे को लेकर हुए विवाद के बाद मामले से पर्दा हटा। इसके बाद पुलिस ने कार्यवाई करते हुए मूर्ति को अपने कब्जे में ले लिया। नगर निवासी जितेंद्र कुमार नवाब विहार कॉलोनी में मकान निर्माण करा रहे हैं। लगभग एक माह पहले सिकरी खुर्द निवासी प्रमोद की जेसीबी से नींव की खुदाई की थी। इसी दौरान जेसीबी किसी धातु से टकराई तो करीब चार फुट नीचे पॉलीथीन में पैक शेर पर सवार माँ दुर्गा की चांदी की मूर्ति पाई गयी।
जेसीबी संचालक के साथी ने बताया की जेसीबी संचालक ने मूर्ति बेचने के लिए कई लोगों से संपर्क किया। करीब एक महीने बाद भी जब मूर्ति का सौदा नहीं हुआ तो उसका दोस्त के साथ आपस में विवाद हुआ। मूर्ति के सौदे को लेकर प्रमोद और उसके दोस्त की एक ऑडियो मीडिया पर वायरल हो गयी। इसके बाद खुदाई से मूर्ति निकले की सूचना पूरे गांव में फ़ैल गयी। पुलिस ने प्रमोद को पकड़कर उसके कब्जे से मूर्ति को अपने कब्जे में लिया। मूर्ति निकले की सूचना के बाद बड़ी संख्या में गांव के लोग थाने में गए। गांव के लोगों के अनुसार चांदी से बनी मूर्ति का वज़न करीब 15 किलो के आसपास है और उसका बाजार में मूल्य लगभग दस लाख रूपये है। गांव के लोगों ने आशंका जताई की किसी भक्त ने मूर्ति मंदिर में गुप्त दान की होगी और इसके बाद किसी ने चोरी के मतलब से मूर्ति जमीन में छिपा दी गयी। गांव के लोगों का कहना है की मूर्ति पौराणिक महामाया देवी मंदिर के पास से निकली है इसलिए उस मूर्ति को मंदिर में स्थापित कराएं।