इसलिए ही कहा जाता है की कोई कितना भी धन या कोशिश कर ले, किसी की आयु को बढ़ाया या घटाया नहीं जा सकता है ।
वहीं आचार्य चाणक्य कहते हैं की इंसान जो जीवन में कर्म करता है, वह सब भी उसके भाग्य में फेले से ही तय होता है ।
यहां तक की इंसान के पास जो धन संपत्ति होती है, वह भी उसके बहगी में फेले से ही लिखी हुई होती है ।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, कोई भी जितनी भी शिक्षा प्राप्त करता है, वह उसके भाग्य से ही होती है ।
आचार्य के अनुसर, कोई भी इंसान किसी भी तरह के बल या धन से दूसरे की शिक्षा नहीं ले सकता है । आचार्य चाणक्य के अनुसार, मृत्यु को रोकना असंभव है ।
By Neeraj Rajput