इस तरह बनता है मलमास या पुरुषोतम मास –
सावन मास की शुरुआत 4 जुलाई दिन मंगलवार से हो रही है और 31 अगस्त को सावन सोमवार का समापन होगा। पंचांग गणना के अनुसार, सावन में मालमंस लग रहा है , जिससे पुरुषोतम मास भी कहते हैं। मलमास की वज़ह से इस बार महादेव के भक्त 59 दिन पूजा अर्चना क्र सकेंगे। सौर मास 365 दिन का होता है और चंद्र मास 354 दिनों का होता है। ऐसे में दोनों में कुल 11 दिनों का अंतर आता है और हर तीन साल के बाद यह अंतर 33 दिनों का हो जाता है,जिसे अधिक मास के नाम से से जाना जाता है। इसे वज़ह से इस बार सावन दो महीने का होने जा रहा है।
सावन में 4 एकादशी व्रत –
सावन मॉस में सावन सोमवार की तरह एकादशी में बढ़ोतरी हो गई है। सावन में इस बार 4 एकादशी का व्रत किया जाएगा, जिससे सावन मास का और अधिक महत्व बढ़ गया है। सावन मास की पहली एकादशी का व्रत 13 जुलाई को रखा जाएगा , जिसका नाम कामिका एकादशी है। दूसरी एकादशी का व्रत 27 अगस्त को रखा जायेगा, जिसका नाम पुत्रदा एकादशी है। तीसरी एकादशी का व्रत 29 जुलाई को रखा जाएगा , जिसे पद्मिनी एकादशी कहा जा रहा है। मलमास की अंतिम एकादशी का व्रत 12 अगस्त को रखा जायेगा, जिसे परमा एकादशी के नाम से जाना जाएगा। Read More….